मेरी आँखों में किर्चियाँ रख दे
By shakeel-azmiFebruary 29, 2024
मेरी आँखों में किर्चियाँ रख दे
रेत के घर में आँधियाँ रख दे
मेरे ख़्वाबों को तोड़ कर कोई
मेरी आँखों में किर्चियाँ रख दे
या कोई ख़्वाब दे निगाहों को
या दरीचे पे उँगलियाँ रख दे
एक झोंका हवा का यूँ आए
खोल कर सारी खिड़कियाँ रख दे
आने वाले मुसाफ़िरों के लिए
रास्ते में निशानियाँ रख दे
मेरे होंठों पे ख़ामुशी है बहुत
इन गुलाबों पे तितलियाँ रख दे
अगला मौसम सुबूत माँगेगा
इन दरख़्तों की पत्तियाँ रख दे
अब जवानी हिसाब माँगती है
मेरे चेहरे पे झुर्रियाँ रख दे
रेत के घर में आँधियाँ रख दे
मेरे ख़्वाबों को तोड़ कर कोई
मेरी आँखों में किर्चियाँ रख दे
या कोई ख़्वाब दे निगाहों को
या दरीचे पे उँगलियाँ रख दे
एक झोंका हवा का यूँ आए
खोल कर सारी खिड़कियाँ रख दे
आने वाले मुसाफ़िरों के लिए
रास्ते में निशानियाँ रख दे
मेरे होंठों पे ख़ामुशी है बहुत
इन गुलाबों पे तितलियाँ रख दे
अगला मौसम सुबूत माँगेगा
इन दरख़्तों की पत्तियाँ रख दे
अब जवानी हिसाब माँगती है
मेरे चेहरे पे झुर्रियाँ रख दे
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