मिल कर दिल जब बद-दिल होते जाते हैं
By motee-ahmad-mujtabaNovember 8, 2020
मिल कर दिल जब बद-दिल होते जाते हैं
तब दिन काफ़ी मुश्किल होते जाते हैं
आ जाता है हम को जीना भी लेकिन
हम मरने के क़ाबिल होते जाते हैं
उस की ज़ात के भेद मज़ाहिर में रौशन
जो समझें वो कामिल होते जाते हैं
दर्द-ए-दिल के घाइल होते जाते हैं
आप हमारी मंज़िल होते जाते हैं
कोई कोशिश कर के देखे तो 'अहमद'
आसानी से हासिल होते जाते हैं
तब दिन काफ़ी मुश्किल होते जाते हैं
आ जाता है हम को जीना भी लेकिन
हम मरने के क़ाबिल होते जाते हैं
उस की ज़ात के भेद मज़ाहिर में रौशन
जो समझें वो कामिल होते जाते हैं
दर्द-ए-दिल के घाइल होते जाते हैं
आप हमारी मंज़िल होते जाते हैं
कोई कोशिश कर के देखे तो 'अहमद'
आसानी से हासिल होते जाते हैं
74501 viewsghazal • Hindi