मिल कर दिल जब बद-दिल होते जाते हैं तब दिन काफ़ी मुश्किल होते जाते हैं आ जाता है हम को जीना भी लेकिन हम मरने के क़ाबिल होते जाते हैं उस की ज़ात के भेद मज़ाहिर में रौशन जो समझें वो कामिल होते जाते हैं दर्द-ए-दिल के घाइल होते जाते हैं आप हमारी मंज़िल होते जाते हैं कोई कोशिश कर के देखे तो 'अहमद' आसानी से हासिल होते जाते हैं