मोहब्बत मेरे जीने का सहारा हो तो अच्छा है
By abdullah-minhaj-khanMay 18, 2024
मोहब्बत मेरे जीने का सहारा हो तो अच्छा है
ये दिल उन की निगाहों का नज़ारा हो तो अच्छा है
बज़ाहिर तो मुलाक़ातें तुम्हारी हम से होती हैं
तुम्हारा हर घड़ी हम को इशारा हो तो अच्छा है
बदल जाएँ जो इक पल में कभी भी रास न आएँ
तो ऐसे दोस्तों से भी किनारा हो तो अच्छा है
हमारे जैसे थे अहबाब जैसी उन की बातें थीं
हमारा भी उन्हीं जैसा नज़ारा हो तो अच्छा है
हम अपने दुश्मनों को भी सदा ख़ुश-हाल रखते हैं
हमारा चाहे ग़ुर्बत में गुज़ारा हो तो अच्छा है
मोहब्बत ऐसी शय है जिस को हम कुछ कह नहीं सकते
फिर इस के बदले में चाहे ख़सारा हो तो अच्छा है
वफ़ा की राह पर 'मिनहाज' चलते जाएँगे लेकिन
बुलंदी पर मुक़द्दर का सितारा हो तो अच्छा है
ये दिल उन की निगाहों का नज़ारा हो तो अच्छा है
बज़ाहिर तो मुलाक़ातें तुम्हारी हम से होती हैं
तुम्हारा हर घड़ी हम को इशारा हो तो अच्छा है
बदल जाएँ जो इक पल में कभी भी रास न आएँ
तो ऐसे दोस्तों से भी किनारा हो तो अच्छा है
हमारे जैसे थे अहबाब जैसी उन की बातें थीं
हमारा भी उन्हीं जैसा नज़ारा हो तो अच्छा है
हम अपने दुश्मनों को भी सदा ख़ुश-हाल रखते हैं
हमारा चाहे ग़ुर्बत में गुज़ारा हो तो अच्छा है
मोहब्बत ऐसी शय है जिस को हम कुछ कह नहीं सकते
फिर इस के बदले में चाहे ख़सारा हो तो अच्छा है
वफ़ा की राह पर 'मिनहाज' चलते जाएँगे लेकिन
बुलंदी पर मुक़द्दर का सितारा हो तो अच्छा है
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