मोहब्बत नए रंग दिखला रही है

By adeeb-damohiOctober 31, 2024
मोहब्बत नए रंग दिखला रही है
ग़मों से ख़ुशी की महक आ रही है
मोहब्बत उन्हें अब मिरी भा रही है
कि अच्छे दिनों की ख़बर आ रही है


मोहब्बत ही बन कर ब-रंग-ए-‘इबादत
क़रीब-ए-ख़ुदा हम को पहुँचा रही है
मोहब्बत ज़रूरत है दुनिया की लेकिन
वो मेरी मोहब्बत को ठुकरा रही है


कोई दौर हो दोस्तो सारी दुनिया
हमारी वफ़ा से शनासा रही है
रह-ए-‘आशिक़ी में बड़ी मुद्दतों तक
मिरी ज़िंदगी भी तमाशा रही है


हमें कह दिया बेवफ़ा कैसे तुम ने
ये दुनिया हमारी क़सम खा रही है
मरीज़-ए-मोहब्बत है किस के हवाले
न तुम आ रहे हो न मौत आ रही है


मिरी ख़स्ता हालत पे सौ बार अफ़सोस
'अदीब' आप को भी हँसी आ रही है
93699 viewsghazalHindi