न सबात है न दवाम है

By aamir-azherOctober 4, 2024
न सबात है न दवाम है
ख़ुम-ए-ज़िंदगी है सो ख़ाम है
हमें मौसमों से उमीद क्या
हमें रोज़ रोज़ का काम है


तुझे रास्तों का पता न था
तिरे हौसलों को सलाम है
न ये सर्द हो न ये ख़त्म हो
मिरी तिश्नगी मिरा जाम है


मैं ये पूछता हुआ चल दिया
कोई काम है कोई काम है
मुझे 'आमिर' आप से क्या ग़रज़
ये कलाम सब का कलाम है


71806 viewsghazalHindi