नए नए जो परिंदे हैं सब उड़ान में हैं
By sumaira-khalidFebruary 29, 2024
नए नए जो परिंदे हैं सब उड़ान में हैं
ख़िरद के मारे हुए अब तलक गुमान में हैं
अभी सँभाल के रक्खे हैं तीर तरकश में
सो मुम्किनात अभी तक मिरी कमान में हैं
मुझे है पास-ए-वफ़ा वर्ना उन से कह डालूँ
हुज़ूर झोल बहुत आप के बयान में हैं
अभी भी ख़ाना-ए-दिल में हैं उन की आवाज़ें
मकीं चले गए यादें उसी मकान में हैं
वफ़ा-परस्तों की क़िस्मत में साया ना भी सही
मगर ये क्या कि दग़ाबाज़ साएबान में हैं
ज़बाँ को सी के रखो या कटाओ सर अपने
यहाँ ख़मोश हैं जो बस वही अमान में हैं
हर एक साँस पे तावान है यहाँ लेकिन
हज़ार मरने के हीले तिरे जहान में हैं
ख़िरद के मारे हुए अब तलक गुमान में हैं
अभी सँभाल के रक्खे हैं तीर तरकश में
सो मुम्किनात अभी तक मिरी कमान में हैं
मुझे है पास-ए-वफ़ा वर्ना उन से कह डालूँ
हुज़ूर झोल बहुत आप के बयान में हैं
अभी भी ख़ाना-ए-दिल में हैं उन की आवाज़ें
मकीं चले गए यादें उसी मकान में हैं
वफ़ा-परस्तों की क़िस्मत में साया ना भी सही
मगर ये क्या कि दग़ाबाज़ साएबान में हैं
ज़बाँ को सी के रखो या कटाओ सर अपने
यहाँ ख़मोश हैं जो बस वही अमान में हैं
हर एक साँस पे तावान है यहाँ लेकिन
हज़ार मरने के हीले तिरे जहान में हैं
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