नक़्श डरेगा जंगल में साँप मिलेगा जंगल में वहशी जलती उँगली से पेड़ गिनेगा जंगल में टूट के साया पेड़ों से रक़्स करेगा जंगल में ख़ुद-रौ पौदे आँसू के फूल खिलेगा जंगल में चलता-फिरता साया भी अब न मिलेगा जंगल में शेर गुफा से निकलेगा शोर मचेगा जंगल में नख़्ल-ए-मुरव्वत कटते ही शहर उगेगा जंगल में बैर न करना मिट्टी से क़र्ज़ उगेगा जंगल में बूढ़ा तोता किस किस को याद करेगा जंगल में