नाला-ए-दिल निकल न जाए कहीं

By abdul-ghafoor-saqiApril 23, 2024
नाला-ए-दिल निकल न जाए कहीं
शान-ए-हस्ती बदल न जाए कहीं
सर-ए-बालीं वो कर गए एहसाँ
मरने वाला सँभल न जाए कहीं


फ़ौक़ पर भी नज़र ज़रूरी है
तहत में दिल बहल न जाए कहीं
हैं बहुत अहल-ए-शौक़ सफ़-बस्ता
हुस्न का वार चल न जाए कहीं


हो इधर भी निगाह पीर-ए-मुग़ाँ
साअ'त-ए-फ़ैज़ टल न जाए कहीं
हो जहाँ में ही सर किसी सूरत
फ़िक्र-ए-अह्द-ए-अज़ल न जाए कहीं


रहिए साबित-क़दम गुनाह सही
राएगाँ हर 'अमल न जाए कहीं
मुस्तक़िल होश चाहिए 'साक़ी'
आज की बात कल न जाए कहीं


38257 viewsghazalHindi