पहले से पैरहन मिरा इतना उदास और
By abhishar-geeta-shuklMay 19, 2024
पहले से पैरहन मिरा इतना उदास और
फिर पैरहन के हुस्न पे दुख का लिबास और
क्या ख़ुद-कुशी सभी को ये आवाज़ देती हैं
आ पटरियों के पास आ थोड़ा सा पास और
दोनों को मत मिलाइए आँखें हों या शराब
सहरा की प्यास और है दरिया की प्यास और
आगे भी काट लेंगे तिरे बिन ये ज़िंदगी
जब इतनी पी चुके हैं तो इक दो गिलास और
इन आँसुओं ने छोड़ दी होंटों पे कुछ नमी
या'नी शहद से जुड़ गई गुड़ की मिठास और
फिर पैरहन के हुस्न पे दुख का लिबास और
क्या ख़ुद-कुशी सभी को ये आवाज़ देती हैं
आ पटरियों के पास आ थोड़ा सा पास और
दोनों को मत मिलाइए आँखें हों या शराब
सहरा की प्यास और है दरिया की प्यास और
आगे भी काट लेंगे तिरे बिन ये ज़िंदगी
जब इतनी पी चुके हैं तो इक दो गिलास और
इन आँसुओं ने छोड़ दी होंटों पे कुछ नमी
या'नी शहद से जुड़ गई गुड़ की मिठास और
50639 viewsghazal • Hindi