पहले तो ख़ाक-दान बनाने का दुख हुआ

By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
पहले तो ख़ाक-दान बनाने का दुख हुआ
फिर आसमान को मिरे जाने का दुख हुआ
रोया हूँ एक हस्ती-ए-नादीदा के हुज़ूर
मिट्टी में आँसुओं को मिलाने का दुख हुआ


लोगों को भी मलाल हुआ मेरे हाल पर
मुझ को भी दास्तान सुनाने का दुख हुआ
सहरा बहुत निढाल मिरी तिश्नगी से था
दरिया को मेरी प्यास मिटाने का दुख हुआ


पत्थर से आरज़ू-ए-वफ़ा शीशागर को है
ये दुख तो सारे आइना-ख़ाने का दुख हुआ
तेरे वफ़ा-परस्तों में कुछ वो भी हैं जिन्हें
दुनिया से तेरे हाथ मिलाने का दुख हुआ


86158 viewsghazalHindi