पराए शहर में ख़ुशबू तलाश लेते हैं जो अहल-ए-दिल हैं वो उर्दू तलाश लेते हैं हमें तलाश है ऐसे निगाह वालों की जो दिन के वक़्त भी जुगनू तलाश लेते हैं मैं जानता हूँ कुछ ऐसे उदास लोगों को जो क़हक़हों में भी आँसू तलाश लेते हैं उन्हें भी अपनी तरफ़ खींच लो वफ़ा वालों जो ख़ून बेच के घुंघरू तलाश लेते हैं उन्हें भी मेरी तरफ़ से दुआएँ दो 'रिज़वी' जो ख़्वाब बोते हैं बाज़ू तलाश लेते हैं