पता है आश्ना दुनिया है तुम से

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
पता है आश्ना दुनिया है तुम से
मगर मेरा भी कुछ रिश्ता है तुम से
नमी सी आँख में रहती है हर दम
ये सहरा आज भी दरिया है तुम से


निगाहों से कभी ओझल न होना
कोई अपनी ख़बर रखता है तुम से
बहुत मक़्बूल हैं कुछ झूट मेरे
उन्हीं में एक वाबस्ता है तुम से


कहो लब से अगर इंकार भी है
मुझे शायद यही सुनना है तुम से
ज़रा सा प्यार ही तो चाहता हूँ
बताओ और क्या झगड़ा है तुम से


भरोसा उठ गया लफ़्ज़ों से मेरा
मुझे अब कुछ नहीं कहना है तुम से
47046 viewsghazalHindi