पाँव में तारे बंध जाएँ तो दरिया दामन होगा

By arsalan-rathorOctober 2, 2021
पाँव में तारे बंध जाएँ तो दरिया दामन होगा
किन चाँदों का नूर चुरा कर सीना रौशन होगा
ख़्वाब के हौज़ों के अंदर ही है आँसू का हल्क़ा
ग़ार से बाहर निकलेगा तो चेहरा मदफ़न होगा


आँख फ़लक पकड़ेगी पर हाए क़दमों की क़िस्मत
पाँव से जंगल लिपटेंगे और सर पर सावन होगा
बर्फ़ पहाड़ों पर पिघलेगी सीने में उम्मीदें
सर्द हवाओं में नगरी की साँस का ईंधन होगा


दर्द का कंठा चंचल नारी को बूढ़ा कर देगा
फूल से माथे की चूड़ी में ज़ख़्म का रोग़न होगा
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