फिर कहीं ज़िक्र किया है उस का
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
फिर कहीं ज़िक्र किया है उस का
जाने क्या नाम लिया है उस का
जाने वाले को पता था शायद
बेवफ़ाई में भला है उस का
देख ये वक़्त नहीं चूमने का
दिल 'इबादत में पड़ा है उस का
जितनी तासीर बढ़ी है उस की
ज़ाइक़ा तल्ख़ हुआ है उस का
अब मिरे दिल में नहीं रहता वो
ये तो पहले का पता है उस का
जाने क्या नाम लिया है उस का
जाने वाले को पता था शायद
बेवफ़ाई में भला है उस का
देख ये वक़्त नहीं चूमने का
दिल 'इबादत में पड़ा है उस का
जितनी तासीर बढ़ी है उस की
ज़ाइक़ा तल्ख़ हुआ है उस का
अब मिरे दिल में नहीं रहता वो
ये तो पहले का पता है उस का
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