पुर-ख़ुलूस जज़्बों का दान तो नहीं लेते
By aarif-nazeerAugust 7, 2024
पुर-ख़ुलूस जज़्बों का दान तो नहीं लेते
जान कहने वालों की जान तो नहीं लेते
इक ज़रा सा ये सुन कर तुम से प्यार है हम को
यूँ कमान-ए-अबरू को तान तो नहीं लेते
मैं जो कहना चाहूँ तुम ख़ुद ही बोल देते हो
राज़-ए-दिल हक़ीक़त में जान तो नहीं लेते
गो गुज़िश्ता 'आशिक़ है कुछ भरम तो बनता है
जान ले चुके थे ना मान तो नहीं लेते
ये तो आप हैं 'आरिफ़' इतने सर-चढ़े हैं जो
वर्ना हर किसी की हम मान तो नहीं लेते
जान कहने वालों की जान तो नहीं लेते
इक ज़रा सा ये सुन कर तुम से प्यार है हम को
यूँ कमान-ए-अबरू को तान तो नहीं लेते
मैं जो कहना चाहूँ तुम ख़ुद ही बोल देते हो
राज़-ए-दिल हक़ीक़त में जान तो नहीं लेते
गो गुज़िश्ता 'आशिक़ है कुछ भरम तो बनता है
जान ले चुके थे ना मान तो नहीं लेते
ये तो आप हैं 'आरिफ़' इतने सर-चढ़े हैं जो
वर्ना हर किसी की हम मान तो नहीं लेते
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