पूरी हुई जो हिज्र की मीआ'द आवेगा

By ali-yasirJune 3, 2024
पूरी हुई जो हिज्र की मीआ'द आवेगा
क़ैद-ए-अना से हो के वो आज़ाद आवेगा
उस बुत से जी लगा न लगा क्या मुझे वले
फिर क्या करेगा जब वो तुझे याद आवेगा


मैं तो करूँ हूँ 'उम्र भर इक दश्त का सफ़र
क्या होगा जब वो क़र्या-ए-आबाद आवेगा
आवेगा इक से एक सुख़नवर यहाँ मगर
कोई भी 'मीर' जैसा न उस्ताद आवेगा


मैं उस को देखता हूँ तो आता है ध्यान में
किस काम उस के ये दिल-ए-बर्बाद आवेगा
मैं जब कहा कि ग़म से तबी'अत बहाल है
बोला वो रोज़-ए-हश्र ही तू शाद आवेगा


वाक़िफ़ नहीं हैं आबले सहरा की प्यास से
और सोचते हैं क़ैस पए-दाद आवेगा
बाज़ार-ए-हस्त-ओ-बूद में शीशागरी मिरी
कोह-ए-जुनूँ भी सर पे मुझे लाद आवेगा


89710 viewsghazalHindi