क़िस्सा-ए-दर्द-ए-जिगर किस से कहूँ कैसे कहूँ

By mayank-akbarabadiJune 15, 2022
क़िस्सा-ए-दर्द-ए-जिगर किस से कहूँ कैसे कहूँ
ये मोहब्बत का असर किस से कहूँ कैसे कहूँ
रात भर शम-ए-नज़र रौशन किए बैठा रहा
वो न आए ता-सहर किस से कहूँ कैसे कहूँ


दिल मिरा बेताब है किस की तजल्ली के लिए
क्यों परेशाँ है नज़र किस से कहूँ कैसे कहूँ
कौन है आख़िर वो किस के नक़्श-ए-पा के वास्ते
मुंतज़िर है रहगुज़र किस से कहूँ कैसे कहूँ


पूछने को आए हैं अहबाब मेरा हाल-ए-दिल
कहना तो चाहूँ मगर किस से कहूँ कैसे कहूँ
कैसे कैसे दुख उठाए मैं ने राह-ए-शौक़ में
दास्तान-ए-पुर-असर किस से कहूँ कैसे कहूँ


बाइस-ए-रहमत है या है बाइ'स-ए-ज़हमत 'मयंक'
इक मोहब्बत की नज़र किस से कहूँ कैसे कहूँ
62597 viewsghazalHindi