रग रग एक तसव्वुर एक उमंग भरे

By khalid-ahmadNovember 3, 2020
रग रग एक तसव्वुर एक उमंग भरे
इक ख़ुशबू फूलों में क्या क्या रंग भरे
फ़न की अपनी मौज दुखों की अपनी रौ
इक तरकश में कोई कितने ख़दंग भरे


कौन लकीरों को तस्वीरों में ढाले
किस का लहू ये ख़ाके ये नैरंग भरे
रंग-ए-लिबास को रंग-ए-बदन से आब मिले
गुंग हुरूफ़ में नग़्मों का आहंग भरे


किस की आँखें तोहमत-ए-लम्स उठाएँगी
बिजली के तन में हैं किस के रंग भरे
पोले पोले पाँव धरे पुर्वाई भी
ख़ाक में उड़ते रंग ये किस के संग भरे


काहिश का दरिया भी ख़्वाहिश का घर था
पानी भरने आए और नहंग भरे
18194 viewsghazalHindi