रंग लाएगी इल्तिजा मेरी

By shankar-lal-shankarNovember 19, 2020
रंग लाएगी इल्तिजा मेरी
सुन ही लेगा कभी ख़ुदा मेरी
ज़ब्त-ए-ग़म को दुआएँ देता हूँ
रह गई घुट के हर सदा मेरी


उस की बंदा-नवाज़ियाँ देखो
बख़्श देता है हर ख़ता मेरी
सुनने वालों के दिल तड़प उट्ठे
साज़-ए-ग़म बन गई सदा मेरी


वस्ल मुमकिन नहीं विसाल सही
अब तो कुछ और है दुआ मेरी
बे-सहारों का आसरा तू है
कौन सुनता तिरे सिवा मेरी


ये मशिय्यत के राज़ हैं 'शंकर'
इब्तिदा मेरी इंतिहा मेरी
28765 viewsghazalHindi