रंगत चेहरा आँखें 'आरिज़ लब धुतकारेगा
By hina-ambareenFebruary 6, 2024
रंगत चेहरा आँखें 'आरिज़ लब धुतकारेगा
फ़ख़्र तकब्बुर 'आदत जिस की सब धुतकारेगा
उस ने ख़ूबी दे दी है तो मत इतरा कर चल
उस के बंदे धुतकारे तो रब धुतकारेगा
ग़ुर्बत तो हर हाल में रब का शुक्र सिखाती है
जिस को भूक ने डस रक्खा हो कब धुतकारेगा
हिर्स-ओ-हवस के शैदाई और मतलब के बंदे
पाओं से लिपटेंगे तेरे जब धुतकारेगा
मौला हम पर मत लाना ऐसे बे-दीदे दिन
जब हर बंदा दूजे का मज़हब धुतकारेगा
'इश्क़-नवाज़ को कब होती है माल-ओ-ज़र की चाह
फ़क़्र चुनेगा 'ओहदा और मंसब धुतकारेगा
दिल उस को दे बैठे हैं और अब हम ख़ाली हाथ
वो जब चाहे मतलब बिन मतलब धुतकारेगा
फ़ख़्र तकब्बुर 'आदत जिस की सब धुतकारेगा
उस ने ख़ूबी दे दी है तो मत इतरा कर चल
उस के बंदे धुतकारे तो रब धुतकारेगा
ग़ुर्बत तो हर हाल में रब का शुक्र सिखाती है
जिस को भूक ने डस रक्खा हो कब धुतकारेगा
हिर्स-ओ-हवस के शैदाई और मतलब के बंदे
पाओं से लिपटेंगे तेरे जब धुतकारेगा
मौला हम पर मत लाना ऐसे बे-दीदे दिन
जब हर बंदा दूजे का मज़हब धुतकारेगा
'इश्क़-नवाज़ को कब होती है माल-ओ-ज़र की चाह
फ़क़्र चुनेगा 'ओहदा और मंसब धुतकारेगा
दिल उस को दे बैठे हैं और अब हम ख़ाली हाथ
वो जब चाहे मतलब बिन मतलब धुतकारेगा
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