सब फ़ैसले ख़िलाफ़ हमारे गए तो क्या

By shamim-danishFebruary 29, 2024
सब फ़ैसले ख़िलाफ़ हमारे गए तो क्या
हम बे-गुनाह जान से मारे गए तो क्या
ये कम नहीं कि याद ही रक्खा गया हमें
महफ़िल में सब के बा'द पुकारे गए तो क्या


पानी तमाम सहन का जब पी गई ज़मीन
काग़ज़ के अब सफ़ीने उतारे गए तो क्या
तुम बेवफ़ा हो कौन यहाँ जानता नहीं
तुम बेवफ़ा न कह के पुकारे गए तो क्या


रौनक़ न कम हुई कभी उस बज़्म-ए-नाज़ की
कुछ कहकशाँ से टूट के तारे गए तो क्या
ख़तरे में आज भी है यक़ीं का मिरे वजूद
कुछ साँप आस्तीन के मारे गए तो क्या


जन्नत नहीं मिली है यही जानते हैं हम
जन्नत के सामने से गुज़ारे गए तो क्या
मैं भी शिकार-ए-‘इश्क़ ही के सानहे में हूँ
इस हादसे में आप भी मारे गए तो क्या


64612 viewsghazalHindi