सभी हैं झूठे तो सच मैं ही बोल कर देखूँ
By shakeel-azmiFebruary 29, 2024
सभी हैं झूठे तो सच मैं ही बोल कर देखूँ
बहुत अँधेरा है लेकिन टटोल कर देखूँ
मिरा चराग़ बुझेगा या रौशनी होगी
हवा के साथ ये झगड़ा भी मोल कर देखूँ
पता चले कि मिरा शह्र कितना बेहिस है
फ़ज़ा में ज़ह्र किसी रोज़ घोल कर देखूँ
ये देखना है वो कितना क़रीब आता है
उस अजनबी से ज़रा मेल-जोल कर देखूँ
पकड़ रखे हैं कई ख़्वाब मेरी आँखों ने
जो नींद आए तो दरवाज़ा खोल कर देखूँ
सुना है 'इश्क़ में दीवानगी ज़रूरी है
तू एक लय में बदल मैं भी डोल कर देखूँ
तू ज़िंदगी है तो हो जाऊँ मैं फ़ना तुझ में
तू फ़िल्म है तो कोई मैं भी रोल कर देखूँ
बहुत अँधेरा है लेकिन टटोल कर देखूँ
मिरा चराग़ बुझेगा या रौशनी होगी
हवा के साथ ये झगड़ा भी मोल कर देखूँ
पता चले कि मिरा शह्र कितना बेहिस है
फ़ज़ा में ज़ह्र किसी रोज़ घोल कर देखूँ
ये देखना है वो कितना क़रीब आता है
उस अजनबी से ज़रा मेल-जोल कर देखूँ
पकड़ रखे हैं कई ख़्वाब मेरी आँखों ने
जो नींद आए तो दरवाज़ा खोल कर देखूँ
सुना है 'इश्क़ में दीवानगी ज़रूरी है
तू एक लय में बदल मैं भी डोल कर देखूँ
तू ज़िंदगी है तो हो जाऊँ मैं फ़ना तुझ में
तू फ़िल्म है तो कोई मैं भी रोल कर देखूँ
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