सभी पढ़ते रहे चेहरा हमारा
By zeeshan-kavishMarch 1, 2024
सभी पढ़ते रहे चेहरा हमारा
किसी ने दिल नहीं देखा हमारा
सितम की आँधियाँ डरतीं थीं हम से
कभी ऐसा भी था रुत्बा हमारा
वो हम को हर तरह से भा गया है
जिसे भाया नहीं चेहरा हमारा
वही रस्ता रक़ीबों ने चुना अब
बहुत पहले था जो रस्ता हमारा
तुम्हारे बिन हमारी हैसियत क्या
मिलो तुम तो बढ़े दर्जा हमारा
किसी ने दिल नहीं देखा हमारा
सितम की आँधियाँ डरतीं थीं हम से
कभी ऐसा भी था रुत्बा हमारा
वो हम को हर तरह से भा गया है
जिसे भाया नहीं चेहरा हमारा
वही रस्ता रक़ीबों ने चुना अब
बहुत पहले था जो रस्ता हमारा
तुम्हारे बिन हमारी हैसियत क्या
मिलो तुम तो बढ़े दर्जा हमारा
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