सद्र-ए-आली-मक़ाम होने से
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
सद्र-ए-आली-मक़ाम होने से
रह गए अपने काम होने से
एक पहचान थी सो वो भी गई
बेवफ़ाई के 'आम होने से
आ गई चाल में अकड़ मेरी
जेब में पूरे दाम होने से
नुक्ता-चीनों के लब सिले ही रहे
आप का इंतिज़ाम होने से
वक़्त से पहले हो गए बूढ़े
इस क़दर एहतिराम होने से
अपनी ख़िदमत लगी मुझे बेहतर
दूसरों का ग़ुलाम होने से
रो तो लेता था पहले क़िस्मत को
काम बिगड़ा है काम होने से
रह गए अपने काम होने से
एक पहचान थी सो वो भी गई
बेवफ़ाई के 'आम होने से
आ गई चाल में अकड़ मेरी
जेब में पूरे दाम होने से
नुक्ता-चीनों के लब सिले ही रहे
आप का इंतिज़ाम होने से
वक़्त से पहले हो गए बूढ़े
इस क़दर एहतिराम होने से
अपनी ख़िदमत लगी मुझे बेहतर
दूसरों का ग़ुलाम होने से
रो तो लेता था पहले क़िस्मत को
काम बिगड़ा है काम होने से
65358 viewsghazal • Hindi