सफ़र हालाँकि तेरे साथ अच्छा चल रहा है
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
सफ़र हालाँकि तेरे साथ अच्छा चल रहा है
बराबर से मगर इक और रस्ता चल रहा है
ज़बानी खेल बन कर रह गया है 'इश्क़ अपना
जहाँ वा'दे के बदले सिर्फ़ वा'दा चल रहा है
कहाँ तक बज़्म में बैठा रहूँ नज़रें झुकाए
जिधर देखो उधर कोई इशारा चल रहा है
हमें ये बीच झगड़े में अचानक याद आया
कि इस के साथ तो झगड़ा हमारा चल रहा है
कभी बिस्तर से उठ्ठे भी तो ये चीख़ें सुनी हैं
खिलौना चल गया देखो खिलौना चल रहा है
हर इक महफ़िल में होता था नया अंदाज़ अपना
मगर अब मुद्दतों से एक चेहरा चल रहा है
बराबर से मगर इक और रस्ता चल रहा है
ज़बानी खेल बन कर रह गया है 'इश्क़ अपना
जहाँ वा'दे के बदले सिर्फ़ वा'दा चल रहा है
कहाँ तक बज़्म में बैठा रहूँ नज़रें झुकाए
जिधर देखो उधर कोई इशारा चल रहा है
हमें ये बीच झगड़े में अचानक याद आया
कि इस के साथ तो झगड़ा हमारा चल रहा है
कभी बिस्तर से उठ्ठे भी तो ये चीख़ें सुनी हैं
खिलौना चल गया देखो खिलौना चल रहा है
हर इक महफ़िल में होता था नया अंदाज़ अपना
मगर अब मुद्दतों से एक चेहरा चल रहा है
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