सहरा लगे कभी कभी दरिया दिखाई दे

By javed-quraishiNovember 2, 2020
सहरा लगे कभी कभी दरिया दिखाई दे
हैरान हूँ मैं क्या है जहाँ क्या दिखाई दे
आवाज़ कोई हो मैं उसी की सदा सुनूँ
हर-सम्त मुझ को एक ही चेहरा दिखाई दे


नादानियों का दिल की भी कोई इलाज हो
बन के वो ग़ैर भी मुझे अपना दिखाई दे
मुझ को तो अंजुमन ही लगा अपनी ज़ात में
इक शख़्स दूसरों को जो तन्हा दिखाई दे


किस का यक़ीन कीजिए किस का न कीजिए
हर चारागर मुझे तो लुटेरा दिखाई दे
'जावेद' अपनी अपनी बसीरत की बात है
सब दिन कहीं मुझे तो अंधेरा दिखाई दे


13639 viewsghazalHindi