बड़ा मज़ा हो जो ये मो'जिज़ा भी हो जाए

By salim-saleemFebruary 28, 2024
बड़ा मज़ा हो जो ये मो'जिज़ा भी हो जाए
वो सब का हो के रहे और मिरा भी हो जाए
तमाम पिछ्ला बरस बेवफ़ाइयों में गया
तो ख़ैर अब के बरस कुछ वफ़ा भी हो जाए


वो एक बुत जो मिरे ज़ेहन ने तराशा है
'अजब नहीं कि किसी दिन ख़ुदा भी हो जाए
नहीं हैं यूँ भी बहुत कम ये क़ुर्बतों के 'अज़ाब
अगर कहो तो ज़रा फ़ासला भी हो जाए


इस इंतिज़ार में रहती है ख़ामुशी-ए-हयात
कि शहर-ए-दिल में कोई हादिसा भी हो जाए
14623 viewsghazalHindi