सामने अपने खड़े हो जाएँगे
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
सामने अपने खड़े हो जाएँगे
हम कभी इतने बड़े हो जाएँगे
दूर सारे मसअले हो जाएँगे
फिर से हम अच्छे-भले हो जाएँगे
जब बदल जाएँगे महफ़िल के शरीक
आप के जादू नए हो जाएँगे
शुक्र है अपने सफ़र छूटे नहीं
बेश-तर सोते हुए हो जाएँगे
ग़म कि जो रोने से बच जाएँगे आज
दूसरे दिन के लिए हो जाएँगे
रोज़-मर्रा से निकल कर हम तिरे
बस ज़रूरी काम के हो जाएँगे
हम कभी इतने बड़े हो जाएँगे
दूर सारे मसअले हो जाएँगे
फिर से हम अच्छे-भले हो जाएँगे
जब बदल जाएँगे महफ़िल के शरीक
आप के जादू नए हो जाएँगे
शुक्र है अपने सफ़र छूटे नहीं
बेश-तर सोते हुए हो जाएँगे
ग़म कि जो रोने से बच जाएँगे आज
दूसरे दिन के लिए हो जाएँगे
रोज़-मर्रा से निकल कर हम तिरे
बस ज़रूरी काम के हो जाएँगे
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