शिकवा इक इल्ज़ाम हो शायद

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
शिकवा इक इल्ज़ाम हो शायद
वो यूँही बदनाम हो शायद
उस के 'अलावा भी कुछ सोचो
करवट से आराम हो शायद


आओ हवा के रुख़ पर बैठें
उस का कोई पैग़ाम हो शायद
दिन ग़ैरों में गुज़ारा तो क्या
शाम हमारे नाम हो शायद


प्यार तिरा अनमोल है लेकिन
कल ये भी नीलाम हो शायद
ग़ौर से सुन सब अफ़्वाहों को
'शारिक़' तेरा नाम हो शायद


52304 viewsghazalHindi