सियह है रात राह तो सुझाई जाए
By swati-sani-reshamFebruary 29, 2024
सियह है रात राह तो सुझाई जाए
फ़लक पे बिंदी चाँद की लगाई जाए
मुझे भी हक़ है तुझ से इख़्तिलाफ़ का
ज़माने को ये बात भी बताई जाए
ये नक़्शा खींचे चाहे जितनी सरहदें
ऐ दोस्त अब ये दुश्मनी मिटाई जाए
दिलों में नफ़रतों की आग जलती है
मोहब्बतों की रौशनी बढ़ाई जाए
फ़लक पे बिंदी चाँद की लगाई जाए
मुझे भी हक़ है तुझ से इख़्तिलाफ़ का
ज़माने को ये बात भी बताई जाए
ये नक़्शा खींचे चाहे जितनी सरहदें
ऐ दोस्त अब ये दुश्मनी मिटाई जाए
दिलों में नफ़रतों की आग जलती है
मोहब्बतों की रौशनी बढ़ाई जाए
42942 viewsghazal • Hindi