सुब्ह करेंगे हुश्यारी से
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
सुब्ह करेंगे हुश्यारी से
रोएँगे सब बारी बारी से
और भी उस को पा सकते थे
थोड़ी और अदाकारी से
फिर इक गुल ने किया इशारा
अभी उठे थे बीमारी से
हँसता हूँ बे-बात भी लेकिन
रोता हूँ ज़िम्मेदारी से
कर सकते हो कोई हिमाक़त
लेकिन पूरी तय्यारी से
दोनों को मिल गए बहाने
अपनी अपनी लाचारी से
रोएँगे सब बारी बारी से
और भी उस को पा सकते थे
थोड़ी और अदाकारी से
फिर इक गुल ने किया इशारा
अभी उठे थे बीमारी से
हँसता हूँ बे-बात भी लेकिन
रोता हूँ ज़िम्मेदारी से
कर सकते हो कोई हिमाक़त
लेकिन पूरी तय्यारी से
दोनों को मिल गए बहाने
अपनी अपनी लाचारी से
78017 viewsghazal • Hindi