सूखा बाँझ महीना मौला पानी दे सावन पीटे सीना मौला पानी दे सारी झीलें धूल उड़ाने वालों की अंधा हर आईना मौला पानी दे दरिया नेकी सूखी खेती ख़ुद-ग़र्ज़ी भूका पेट कमीना मौला पानी दे फ़सलें आते जाते लश्कर काटेगा अपने भाग पसीना मौला पानी दे मछली हाँप रही है साँसें लेने को कीचड़ में क्या जीना मौला पानी दे मिट्टी पर बौछार 'मुज़फ़्फ़र' शे'रों की दाना मूल नगीना मौला पानी दे