सूरज को निकलना है सो निकलेगा दुबारा

By ahmad-nadeem-qasmiMay 25, 2024
सूरज को निकलना है सो निकलेगा दुबारा
अब देखिए कब डूबता है सुब्ह का तारा
मग़रिब में जो डूबे उसे मशरिक़ ही निकाले
मैं ख़ूब समझता हूँ मशिय्यत का इशारा


पढ़ता हूँ जब उस को तो सना करता हूँ रब की
इंसान का चेहरा है कि क़ुरआन का पारा
जी हार के तुम पार न कर पाओ नदी भी
वैसे तो समुंदर का भी होता है किनारा


जन्नत मिली झूटों को अगर झूट के बदले
सच्चों को सज़ा में है जहन्नम भी गवारा
ये कौन सा इंसाफ़ है ऐ अर्श-नशीनो
बिजली जो तुम्हारी है तो ख़िर्मन है हमारा


मुस्तक़बिल-ए-इंसान ने ए'लान किया है
आइंदा से बे-ताज रहेगा सर-ए-दारा
86684 viewsghazalHindi