तैश से तेरे डर जाऊँगा इससे ज़ियादा क्या होगा

By August 26, 2024
तैश से तेरे डर जाऊँगा इससे ज़ियादा क्या होगा फिर मैं हद से गुज़र जाऊँगा इससे ज़ियादा क्या होगा झील या दरिया या सागर भी पड़ने लगेंगे कम जब तो आँख में तेरी उतर जाऊँगा इससे ज़ियादा क्या होगा सदियों से इक चाँद के ख़ातिर जगता हूँ मैं रातों में तारों सा मैं बिखर जाऊँगा इससे ज़ियादा क्या होगा दिल में तिरी तस्वीर लिए अब पागल सा मैं फिरता हूँ प्रेम में तेरे मर जाऊँगा इससे ज़ियादा क्या होगा
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