ताज़ा हवा के वास्ते खिड़की न बन सका
By ajay-sahaabMay 29, 2024
ताज़ा हवा के वास्ते खिड़की न बन सका
दे दूँ किसी को छाँव वो बदली न बन सका
बेटा बसा बिदेस में दौलत के ढेर पर
लेकिन वो बूढे बाप की लाठी न बन सका
शा'इर का वास्ता बड़ा गहरा है भूक से
उस का कलाम आज भी रोटी न बन सका
क्यूँ कर करूँ उमीद तू मुझ सा बनेगा दोस्त
जैसा मैं चाहता हूँ वो ख़ुद भी न बन सका
का'बे से लौट कर वही सूद-ओ-ज़ियाँ की फ़िक्र
हज कर लिया मगर कभी हाजी न बन सका
रह के भी दूर सुन सके अब्बा की खाँसियाँ
बेटा कभी भी बाप की बेटी न बन सका
ख़ुद की कमी को छोड़ के ग़ैरों पे ही उठे
मैं आज तक 'सहाब' वो उँगली न बन सका
दे दूँ किसी को छाँव वो बदली न बन सका
बेटा बसा बिदेस में दौलत के ढेर पर
लेकिन वो बूढे बाप की लाठी न बन सका
शा'इर का वास्ता बड़ा गहरा है भूक से
उस का कलाम आज भी रोटी न बन सका
क्यूँ कर करूँ उमीद तू मुझ सा बनेगा दोस्त
जैसा मैं चाहता हूँ वो ख़ुद भी न बन सका
का'बे से लौट कर वही सूद-ओ-ज़ियाँ की फ़िक्र
हज कर लिया मगर कभी हाजी न बन सका
रह के भी दूर सुन सके अब्बा की खाँसियाँ
बेटा कभी भी बाप की बेटी न बन सका
ख़ुद की कमी को छोड़ के ग़ैरों पे ही उठे
मैं आज तक 'सहाब' वो उँगली न बन सका
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