तेरी हर बात पे तन्क़ीद नहीं कर सकता

By aadil-rahiSeptember 7, 2024
तेरी हर बात पे तन्क़ीद नहीं कर सकता
हाँ मगर झूट की ताईद नहीं कर सकता
तू अगर जान भी माँगे तो ख़ुशी से दे दूँ
मैं तिरे हुक्म की तरदीद नहीं कर सकता


आख़िरी 'इश्क़ किया मैं ने मगर पहली बार
दूसरी बार ये तफ़रीद नहीं कर सकता
मैं ने देखा है बदलता हुआ लहजा तेरा
इस लिए तुझ से तो उम्मीद नहीं कर सकता


तू ने इस हाल में छोड़ा है कि अल्लाह अल्लाह
'ईद का दिन है मगर 'ईद नहीं कर सकता
ये अलग बात सुख़नवर हूँ मैं 'आदिल-राही'
दर्द इतने हैं कि तस्वीर नहीं कर सकता


35743 viewsghazalHindi