तेरी ख़ुशबू का तराशा है ये पैकर किस ने

By afsar-azriMay 22, 2024
तेरी ख़ुशबू का तराशा है ये पैकर किस ने
कर दिया है मिरा माहौल मो'अत्तर किस ने
आसमाँ हिम्मत-ए-परवाज़ से कुछ दूर नहीं
इस तमन्ना के मगर काट लिए पर किस ने


ना-समझ क़तरा-ए-नाचीज़ की वक़'अत को समझ
तू समुंदर है बनाया है समुंदर किस ने
किस की पाज़ेब का संगीत है हस्ती मेरी
पाँव से बाँध लिया मेरा मुक़द्दर किस ने


परतव-ए-हुस्न है नाहीद गुज़र-गाह-ए-ख़याल
सर पे रक्खी है छलकती हुई गागर किस ने
ख़ुशनुमा दाएरे बनते ही चले जाते हैं
दिल के तालाब में फेंका है ये कंकर किस ने


तू मेरा दोस्त सही यार मगर ये तो बता
वक़्त ये धोका दिया है मुझे अक्सर किस ने
दफ़अ'तन किस ने जगा दी मिरी सोई क़िस्मत
मेरा मुँह चूम लिया ख़्वाब में 'अफ़सर' किस ने


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