तिरी तरफ़ से तो हाँ मान कर ही चलना है

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
तिरी तरफ़ से तो हाँ मान कर ही चलना है
कि सारा खेल इस उम्मीद पर ही चलना है
क़दम ठहर ही गए हैं तिरी गली में तो फिर
यहाँ से कोई दु'आ माँग कर ही चलना है


रहे हो साथ तो कुछ वक़्त और दे दो हमें
यहाँ से लौट के बस अब तो घर ही चलना है
मुख़ालिफ़त पे हवाओं की क्यों परेशाँ हों
तुम्हारी सम्त अगर 'उम्र-भर ही चलना है


कोई उमीद नहीं खिड़कियों को बंद करो
कि अब तो दश्त-ए-बला का सफ़र ही चलना है
ज़रा सा क़ुर्ब मयस्सर तो आए उस का मुझे
कि उस के बा'द ज़बाँ का हुनर ही चलना है


97585 viewsghazalHindi