तेरी तस्वीर मेरे पास नहीं
By vikas-naseebMarch 1, 2024
तेरी तस्वीर मेरे पास नहीं
और कभी होने की भी आस नहीं
तेरी महफ़िल में जा के जाम पियूँ
मेरी तक़दीर इतनी ख़ास नहीं
मेरे दिल के लहू को पीता है
कौन कहता है ख़त को प्यास नहीं
दाग़ को वो छुपाए कैसे भला
चाँद के जिस्म पर लिबास नहीं
दौड़ कर उस को मैं पकड़ लेता
मौत भी मेरे आस-पास नहीं
और कभी होने की भी आस नहीं
तेरी महफ़िल में जा के जाम पियूँ
मेरी तक़दीर इतनी ख़ास नहीं
मेरे दिल के लहू को पीता है
कौन कहता है ख़त को प्यास नहीं
दाग़ को वो छुपाए कैसे भला
चाँद के जिस्म पर लिबास नहीं
दौड़ कर उस को मैं पकड़ लेता
मौत भी मेरे आस-पास नहीं
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