था कोई या नहीं था जो कुछ था
By ahmad-farazMay 23, 2024
था कोई या नहीं था जो कुछ था
दिल के अंदर कहीं था जो कुछ था
तू भी अपने से ख़ुश-गुमाँ था बहुत
मैं भी अपने तईं था जो कुछ था
शहर-ए-ख़ूबाँ में वो वफ़ा-दुश्मन
ख़ूबसूरत-तरीं था जो कुछ था
दुर्द-ए-मय थी कि तल्ख़ी-ए-हस्ती
जाम में तह-नशीं था जो कुछ था
छोड़ आए 'अबस दर-ए-जानाँ
यार सब कुछ वहीं था जो कुछ था
'इश्क़ इक्सीर था दिलों के लिए
ज़हर था अंग्बीं था जो कुछ था
होश आया तो अब खुला है 'फ़राज़'
मैं तो कुछ भी नहीं था जो कुछ था
दिल के अंदर कहीं था जो कुछ था
तू भी अपने से ख़ुश-गुमाँ था बहुत
मैं भी अपने तईं था जो कुछ था
शहर-ए-ख़ूबाँ में वो वफ़ा-दुश्मन
ख़ूबसूरत-तरीं था जो कुछ था
दुर्द-ए-मय थी कि तल्ख़ी-ए-हस्ती
जाम में तह-नशीं था जो कुछ था
छोड़ आए 'अबस दर-ए-जानाँ
यार सब कुछ वहीं था जो कुछ था
'इश्क़ इक्सीर था दिलों के लिए
ज़हर था अंग्बीं था जो कुछ था
होश आया तो अब खुला है 'फ़राज़'
मैं तो कुछ भी नहीं था जो कुछ था
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