तो क्या ये तय है कि अब 'उम्र भर नहीं मिलना
By suroor-barabankviFebruary 29, 2024
तो क्या ये तय है कि अब 'उम्र भर नहीं मिलना
तो फिर ये 'उम्र भी क्यों तुम से गर नहीं मिलना
ये कौन चुपके से तन्हाइयों में कहता है
तिरे बग़ैर सकूँ 'उम्र भर नहीं मिलना
चलो ज़माने की ख़ातिर ये जब्र भी सह लें
कि अब मिले तो कभी टूट कर नहीं मिलना
रह-ए-वफ़ा के मुसाफ़िर को कौन समझाए
कि इस सफ़र में कोई हम-सफ़र नहीं मिलना
जुदा तो जब भी हुए दिल को यूँ लगा जैसे
कि अब गए तो कभी लौट कर नहीं मिलना
तो फिर ये 'उम्र भी क्यों तुम से गर नहीं मिलना
ये कौन चुपके से तन्हाइयों में कहता है
तिरे बग़ैर सकूँ 'उम्र भर नहीं मिलना
चलो ज़माने की ख़ातिर ये जब्र भी सह लें
कि अब मिले तो कभी टूट कर नहीं मिलना
रह-ए-वफ़ा के मुसाफ़िर को कौन समझाए
कि इस सफ़र में कोई हम-सफ़र नहीं मिलना
जुदा तो जब भी हुए दिल को यूँ लगा जैसे
कि अब गए तो कभी लौट कर नहीं मिलना
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