तू मिरी खोई निशानी के सिवा कुछ भी नहीं

By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
तू मिरी खोई निशानी के सिवा कुछ भी नहीं
मैं तिरी याद-दहानी के सिवा कुछ भी नहीं
बंद कमरों में मकीं सोते हैं और आँगन में
मेरे और रात की रानी के सिवा कुछ भी नहीं


ये तुझे एक नज़र देखने वालों का हुजूम
मेरी ना-पुख़्ता-बयानी के सिवा कुछ भी नहीं
जो उतरता है वो बहता ही चला जाता है
गोया दरिया में रवानी के सिवा कुछ भी नहीं


जितने चेहरे हैं वो मिट्टी के बनाए हुए हैं
जितनी आँखें हैं वो पानी के सिवा कुछ भी नहीं
97107 viewsghazalHindi