तू ने मुझ को न ग़ज़ल-गोई 'अता की होती

By adnan-asarJanuary 18, 2025
तू ने मुझ को न ग़ज़ल-गोई 'अता की होती
मैं भी तन्हाई में दीवार से बातें करता
तुझ पे ही राज़-ए-तमन्ना के सभी दर खोले
क्या तुझे छोड़ के अग़्यार से बातें करता


'ऐन मुमकिन था कि अंदर की घुटन घट जाती
कोई होता तिरे बीमार से बातें करता
रंग भरना था कहानी में हक़ीक़त का तुझे
अपने लिक्खे हुए किरदार से बातें करता


मेरी ग़ैरत ये गवारा नहीं करती है कि मैं
अपने ही मुल्क के ग़द्दार से बातें करता
42152 viewsghazalHindi