तूफ़ाँ है शैख़ क़हरिया है
By abroo-shah-mubarakMay 20, 2024
तूफ़ाँ है शैख़ क़हरिया है
जो हर्फ़ है तिस के तहरिया है
दिल क्यूँ न भँवर हो आज मेरा
चीरा तिरे सर पे लहरिया है
तुझ हुस्न के बाग़ में सिरीजन
ख़ुर्शीद गुल-ए-दो-पहरिया है
अब दीन हुआ ज़माना-साज़ी
आफ़ाक़ तमाम दहरिया है
जो हर्फ़ है तिस के तहरिया है
दिल क्यूँ न भँवर हो आज मेरा
चीरा तिरे सर पे लहरिया है
तुझ हुस्न के बाग़ में सिरीजन
ख़ुर्शीद गुल-ए-दो-पहरिया है
अब दीन हुआ ज़माना-साज़ी
आफ़ाक़ तमाम दहरिया है
16915 viewsghazal • Hindi