तुझे भुलाने पे बा-इख़्तियार हो गया है

By salim-saleemFebruary 28, 2024
तुझे भुलाने पे बा-इख़्तियार हो गया है
दिल अपनी मस्लहतों का शिकार हो गया है
मैं थक के बैठ गया हूँ ख़ुद अपने साए में
कि तेरा दश्त-ए-तलब बे-कनार हो गया है


तुम अपना जिस्म ही दे दो कि मैं पहन लूँ इसे
ये पैरहन तो मिरा तार-तार हो गया है
20324 viewsghazalHindi