तुझे ख़बर नहीं ऐ बेवफ़ा हज़ारों ने

By zeeshan-kavishMarch 1, 2024
तुझे ख़बर नहीं ऐ बेवफ़ा हज़ारों ने
हयात काट दी रो-रो के ग़म के मारों ने
ख़िज़ाँ को किस लिए इल्ज़ाम दूँ बताओ ज़रा
मिरे चमन को जलाया है जब बहारों ने


मिलूँ मैं चाँद से अपने तो किस तरह से मिलूँ
फ़लक को घेर लिया है कई सितारों ने
हमारे मुल्क की 'अज़्मत को बेच डाला है
हमारे मुल्क के कुछ झूटे ताजदारों ने


जिधर भी देखूँ मुझे तू दिखाई देता है
बना के रख दिया पागल तिरे इशारों ने
हमारे क़त्ल का कोई सुबूत मिल न सका
कुछ ऐसे क़त्ल किया हम को होशियारों ने


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