तुझ से वाबस्ता शा'इरी के बग़ैर

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
तुझ से वाबस्ता शा'इरी के बग़ैर
कुछ नहीं मैं तिरी कमी के बग़ैर
है बड़ा काम बा-वफ़ा रहना
बेवफ़ाई की ताज़गी के बग़ैर


तुम तो पहचानना ही भूल गए
लम्स को मेरे रौशनी के बग़ैर
शुक्रिया आप की मोहब्बत का
मैं बहुत ख़ुश हूँ इस ख़ुशी के बग़ैर


क्या बताऊँ मुझे वो कैसा लगा
जानी-पहचानी बे-रुख़ी के बग़ैर
वैसे मुश्किल तो मेरी 'आम सी है
हल नहीं होगी ख़ुदकुशी के बग़ैर


मैं तुझे कैसे जान सकता था
तेरे दुश्मन से दोस्ती के बग़ैर
34012 viewsghazalHindi