तुम्हारे हुस्न की जब तक बहार बाक़ी है जो चाहो ज़ुल्म करो इख़्तियार बाक़ी है गया जो रूठ के मुझ से वो फिर नहीं लौटा अभी भी उस का मुझे इंतिज़ार बाक़ी है न चैन आएगा दिल को बग़ैर तेरे सनम तिरी वफ़ा पे मिरा ए'तिबार बाक़ी है क़रार आएगा दिल को मिरे तुझे पा कर तिरी जुदाई का इस दिल पे बार बाक़ी है मिरे ख़ुदा तू ही 'रम्मन' की लाज रख लेना तिरे करम के सहारे ये प्यार बाक़ी है