तुम ने लिक्खा है लिखो कैसा हूँ मैं

By aashufta-changeziApril 21, 2024
तुम ने लिक्खा है लिखो कैसा हूँ मैं
दोस्तों की भीड़ है तन्हा हूँ मैं
यासमीन ओ नस्तरन मेरा पता
ख़ुशबुओं के जिस्म पर लिक्खा हूँ मैं


पहले ही क्या कम तमाशे थे यहाँ
फिर नए मंज़र उठा लाया हूँ मैं
फिर वही मौसम पुराने हो गए
दिन ढले सरगोशियाँ सुनता हूँ मैं


कौन उतरती चढ़ती साँसों का अमीं
साया-ए-दीवार से लिपटा हूँ मैं
तू कभी इस शहर से हो कर गुज़र
रास्तों के जाल में उलझा हूँ मैं


वो मिरी ख़ुश-फ़हमियाँ सब क्या हुईं
जाने कब से बे-हुनर ज़िंदा हूँ मैं
51796 viewsghazalHindi