उजड़े हुए रस्ते हम

By hina-ambareenFebruary 6, 2024
उजड़े हुए रस्ते हम
गुज़रे हुए लम्हे हम
रंगों से मुज़य्यन थे
छू लेने से बिखरे हम


नाबूद मुकम्मल कर
टूटे नहीं चटख़े हम
सैराब हुई दुनिया
इक बूँद को तरसे हम


दे दें इसे ग़ैरों को
दुनिया तिरे सदक़े हम
अपनी बड़ी क़ीमत थी
कितने हुए सस्ते हम


उस आँख में घर होता
उस दिल में धड़कते हम
हम बिछड़ी हुई बाँहें
भूले हुए लम्हे हम


लिपटी हुई फ़िक्रें हैं
कहते नहीं दुखड़े हम
हुज्जत भी अगर करते
किस शख़्स के करते हम


ऐ याद चल आहिस्ता
गूँगे हैं न बहरे हम
53272 viewsghazalHindi